जनता के लिए आवाज बुलंद करने वाला व्यक्ति अंदर ही अंदर कितना घुट रहा था

स्वर्गीय विकास शर्मा जी के बारे में कुछ ऐसी बातें पता चली जिसे जानकर में चौक गया की स्क्रीन पर अपनी बुलंद आवाज में रिपोर्टिंग करता यह व्यक्ति अंदर ही अंदर कितना घुट रहा था और कितना बुरी तरह से टूट चुका था

विकास शर्मा जी कानपुर देहात के छोटे से गांव के थे और एक बेहद पिछड़ी जाति यानी बढ़ाई परिवार में पैदा हुए थे और पत्रकारिता की डिग्री ली और कई चैनलों में काम करते हुए रिपब्लिक तक पहुंचे

उन्होंने एक लड़की से प्रेम विवाह किया था उस लड़की को प्राथमिक स्कूल में टीचर की सरकारी नौकरी मिल गई उसके बाद उसके चाल चलन और आदतें व्यवहार बदल गया

विकास शर्मा जी की पत्नी ने इनके ऊपर दहेज उत्पीड़न से लेकर इनके बुजुर्ग पिताजी के ऊपर मॉलेस्टेशन का केस दर्ज करवा दिया था जिससे विकास शर्मा जी बुरी तरह टूट चुके थे विकास शर्मा जी अपने मां-बाप के इकलौते लड़के थे इनकी दो बहने थी बड़ी बहन की शादी विकास शर्मा जी ने बहुत धूमधाम से की थी लेकिन किसी कारणों से विकास शर्मा जी की बड़ी बहन का घर भी टूट गया और वह अपने पति से अलग हो गई

विकास शर्मा के एक सहकर्मी से आज मेरी बात हुई उन्होंने बताया कि यह व्यक्ति इतना टूट चुका था कि रविवार को भी घर नहीं जाता था कि मैं घर जाऊंगा फिर खाली दिमाग शैतान का घर वाली कहावत हो गई इसलिए वह ऑफिस में काम करता रहता था सब लोग शिफ्ट पूरी होने के बाद अपने घर चले जाते थे लेकिन विकास शर्मा जब तक नींद नहीं आए तब तक ऑफिस में काम करते रहते थे क्योंकि विकास शर्मा यह सोचते थे कि जब घर पर कोई है ही नहीं तो फिर घर जाकर क्या फायदा

कोर्ट कचहरी पुलिस स्टेशन के चक्कर लगा लगा कर थक चुके थे

अंदर ही अंदर घुट रहे विकास शर्मा जी को पहले कोरोनावायरस से ठीक होने के बाद उन्हें हार्ट अटैक आया और मात्र 36 साल की उम्र में वह ईश्वर के प्यारे हो गए

दरअसल सच्चाई यह है भारत के दो कानून काले कानून है लेकिन पता नहीं क्यों लोग उन्हें काला कानून नहीं कहते एक दहेज उत्पीड़न एक्ट और दूसरा दलित उत्पीड़न एक्ट यह दोनों कानून सिर्फ दुरुपयोग के लिए बने हैं और इन दोनों कानूनों ने न जाने कितने लोगों की हत्या की है. ©SocialMedia

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Author: Team AI News

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