पढिए आखिर देर से ही सही, कम से कम मंदिर मठों की अखिलेश यादव को याद तो आई
देर आये दुरस्त आये ये कहाबत आजकल हमारे जनप्रिय नेता अखिलेश यादव जी पर सटीक बैठती है बक्फ बोर्ड, मस्जिद, हज सब्सिडी से आगे निकलकर एक लम्बे अरसे के बाद रहुल गांधी की तरह इनका मन भी कुछ पुण्य धर्म की ओर आकर्षित हुआ हैं और एलान किया है, अगर यूपी सरकार की बागडोर हाथ आती है तो अखिलेश यादव अयोध्या में मठ-मंदिर व आश्रमों पर टैक्स नहीं लेंगे
उन्होंने कहा, अखिलेश यादव के नेतृत्व में वर्ष 2022 में सरकार बनेगी तभी जनता को कष्टों से राहत मिलेगी। मौलानाओं ने कहा कि वे अखिलेश यादव का शुक्रिया अदा करने आए हैं। उनकी दुआ है कि अखिलेश फिर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठें। उन पर ही पूरी कौम को भरोसा है। हो क्यों ना सारी इफ्तार पार्टी नेता जी के घर पर ही अरेंज होगी
लेकिन क्या केन्द्र सरकार के हर फैसले का बिरोध करना और बर्षो से चली आ रही आपसी दुस्मनी भुलाकर एक हो जाना कभी बीएसपी तो कभी कांग्रेस के साथ गठबंधन ये सत्ता का मोह नहीं है और हाँ अगर सच में जनता की सेवा करना चाहते हो तो बिपक्ष में बैकर कर सकते, अगर अपने काम और पार्टी पर भरोसा है तो सत्ता का लालच छोड़कर कभी देश हित भी समर्थन करो
काम करना है तो सर्व समाज का काम करो ताकि सत्ता से बाहर होने के बाद उस चीज की याद ना आये जो सत्ता की बिलासत के चलते आप पीछे अधूरी छोड़ गए हो
अखिलेश यादव ने महंतों और मौलानाओं के प्रति सम्मान प्रदर्शित करते हुए कहा कि भाजपा राज में हर व्यक्ति परेशान और बेचैन है। मुल्क के हालात ठीक नहीं है। सीएए, एनपीआर, और एनआरसी समाज को बांटने और उत्पीड़न करने वाले कानून है। इनके विरुद्ध जनता की अहिंसक आवाज का भी दमन किया जा रहा है। नागरिकों के अस्तित्व को चुनौती मिल रही है। संविधान और देश बचाने के लिए सपा प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा है कि समाजवादी सरकार बनने पर भगवान श्रीराम की नगरी में मठ-मंदिर, मस्जिद-गुरुद्वारा, गिरजाघर और आश्रमों पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। अखिलेश यादव ने अयोध्या धाम की पत्रिका ‘सवेरा एक संकल्प‘ का भी विमोचन किया। राजीव त्रिपाठी ने बताया कि यह पत्रिका पर्यावरण संरक्षण, पक्षी संरक्षण तथा वृक्षारोपण के लिए समर्पित है।