हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के दिग्गज अभिनेता एवं लेखक का निधन हो गया।
खान कनाडा के एक अस्पताल में भर्ती थे। 81 वर्षीय खान लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनके बेटे ने बताया कि अभिनेता का अंतिम संस्कार भी वहीं किया जाएगा। खान के बेटे सरफराज ने ‘पीटीआई-भाषा से कहा, ‘मेरे पिता हमें छोड़कर चले गए। लंबी बीमारी के बाद 31 दिसम्बर शाम छह बजे (कनाडाई समय) उनका निधन हो गया। वह दोपहर को कोमा में चले गए थे। वह पिछले 16-17 हफ्तों से अस्पताल में भर्ती थे।’
खान को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी और डॉक्टर उन्हें नियमित वेंटीलेटर तथा बीपीएपी वेंटीलेटर पर रखे हुए थे। सुपर न्यूक्लियर पाल्सी बीमारी के कारण उन्हें चलने में भी दिक्कत आ रही थी और याददाश्त भी कमजोर हो गई थी। काबुल में जन्मे कादर खान ने 1973 में राजेश खन्ना के साथ फिल्म ‘दाग से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी। उसके बाद वह 300 से अधिक फिल्मों में नजर आए।’
मुकद्दर का सिकंदर
सुख तो बेवफा है आता है जाता है, दुख ही अपना साथी है, अपने साथ रहता है। दुख को अपना ले तब तक़दीर तेरे कदमों में होगी और तू मुकद्दर का बादशाह होगा।
बाप नंबरी बेटा दस नंबरी
तुम्हें बख्शीश कहां से दूं। मेरी गरीबी का तो यह हाल है कि किसी फकीर की अर्थी को भी कंधा दूं तो अपनी इंसल्ट मानकर अर्थी से कूद जाता है।
कुली
बचपन से सर पर अल्लाह का हाथ और अल्लाहरख्खा है अपने साथ, बाजू पर 786 का है बिल्ला, 20 नंबर की बीड़ी पीता हूं और नाम है ‘इकबाल’।